गुपचुप तरीके से की जा रही जांच को भाकियू ने किया ख़ारिज
कर्मचारियों को सस्पेंड कर इस मामले पर की जा रही लीपापोती
करनाल, 28 अक्टूबर: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने चालू खरीद सीजन 2025-26 के दौरान धान घोटाले की जो जाँच चल रही है उस पर सवाल उठाते हुए कहा कि गुपचुप तरीके से जो जाँच की जा रही है उसमें कुछ भी निकलने वाला नही है क्योंकि यह घोटाला सुनियोजित ढंग से किया गया है। जिसमें प्रशाशनिक अधिकारी, आढती के साथ साथ कई फर्जी किसान भी जुड़े हैं। इसलिए भाकियू इस जाँच को सिरे से ख़ारिज करती है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार धान घोटाले को उजागर करना चाहती है तो तुरंत इस मामले को सीबीआई के हवाले किया जाये। स्थानीय सर छोटूराम किसान भवन में आयोजित की गयी एक बैठक में रतनमान ने यह मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर चोरी करवाने वाला ही चोरो की जाँच करे तो उसमें न्याय की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि दो तीन कर्मचारियों को सस्पेंड करना मात्र इस मामले पर लीपापोती की जा रही है जबकि इस घोटाले में बड़े अधिकारियों की भी मिलीभगत भी है। इसलिए उन्होंने चल रही नाममात्र जाँच पर सवाल उठाये कि सीबीआई की जाँच से ही इस मामले का खुलासा हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि 24 फसलों पर MSP देने का दावा करने वाली बीजेपी सरकार आज मुंह छिपा रही है। क्योंकि हरियाणा में मुख्यतः खरीफ की फसलें धान, बाजरा, कपास, मूंग समेत तमाम फसलें एमएसपी से 300 से 500 रुपये कम कीमत पर बिक रही हैं। प्रदेश सरकार द्वारा धान खरीद शुरू होने से पहले जो दावे किए गये थे वो सफल नही हुए। जिसके चलते किसान अपनी फसलों को बेचने के लिए अनाज मंडियों में धक्के खाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
इस अवसर पर किसान नेता श्याम सिंह मान, प्रवक्ता सुरेन्द्र सांगवान, कानूनी सलाहकार बलबीर सिंह तेवतिया, रामेश्वर दास, भरतरी मान, शेर सिंह, जयपाल शर्मा सहित कई किसान मौजूद थे।






